गौस ए आज़म

सरदार ए औलिया हुजोर गौस ए आज़म की शान में नज़राना ए अकीदत

Thursday 4 August 2011

तबर्रुकात


महबूब ए सुबहानी, कुतब ए रब्बानी, शाह ए जिलानी, पीर ए लासानी, सय्यिदुल औलिया, इमामुत्तुका वन्नुका, सय्यिदिना हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर अल जिलानी, अल बगदादी रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के मुक़द्दस तबर्रुकात कि ज़ियारत करते वक्त दुरूद शरीफ का विर्द ज़ुबान पर जारी रखें |


अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्यिदिना व मौलाना मुहम्मदिन मादिनिल जूदे वल करमी व आलिहि व सह्बीही व बारिक व सल्लिम|


१.       हुज़ूर गौस ए आज़म (रज़ियल्लाहु तआला अन्हु) का मुक़द्दस अमामा शरीफ 


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2.       नक्श ए क़दम ए नाज़ हुज़ूर गौसे ए आज़म (रज़ियल्लाहु तआला अन्हु )  



 

तस्बीह ए तरावीह





***  तस्बीह ए तरावीह ***
सुबहान ज़िल मुल्कि वल मलकूत, सुब्हान ज़िल इज्ज़ति वल अज़मति वल 
हय्बति वल कुदरति वल किबरियाई वल जबरूत, सुबहानल मलिकिल हैय्यिल
लज़ी ला यनामु वला यमुतू सुब्बुहून कुददुसुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति
वर रूह, अल्लाहुम्मा अजिरना मिनन नारि या मुजीरू या मुजीरू या मुजीर|






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