गौस ए आज़म

सरदार ए औलिया हुजोर गौस ए आज़म की शान में नज़राना ए अकीदत

हमें लिखिए


तुझ से दर, दर से सग और सग से हे मुझ को निस्बत|
मेरी गर्दन में भी हे दूर का डोरा तेरा ||


बफैज़ ए रूहानी:

सरकार मुफ्ती ए आज़म ए महाराष्ट्र हुज़ूर मुफ्ती गुलाम मुहम्मद खान अशहरी

( रज़ी अल्लाहु तआला अन्हु )

खालिफाए हुज़ूर मुफ्ती ए आज़म ए हिंद|

नागपुर, महाराष्ट्र, इंडिया |


सरपरस्त:

हज़रत अल्लामा मौलाना मुहम्मद वसीम आज़ाद साहिब किबला

नाजिम ए आला मदरसा जामिया हलीमा सदिया ( रज़ी अल्लाहु तआला अन्हा )

म.प्र., इंडिया|


वेब डिज़ाइनर:

मोहम्मद आलम रज़ा कादरी

(सग ए हुज़ूर गौसुल आज़म)

म.प्र., इंडिया|

ghauseaazam@gmail.com


इस निशानी के जो सग हैं नहीं मारे जाते |
हश्र तक मेरे गले में रहे पत्ता तेरा ||


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